रघुपति राघव राजाराम Raghupati Raghav Raja Ram Lyrics, Tulsidas
Raghupati Raghav Raja Ram Lyrics in Hindi एक बहुत ही अच्छा भजन है. इस दिव्य भजन की रचना राम जी के लिए एवं उनके दयालु प्रकृति के लिए, स्तुति करने के लिए की गई थी.
रामधुन की उत्पत्ति पौराणिक पुरानी कथाओं में छिपी है, पौराणिक कथा के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस भजन की रचना महान हिंदू कवि तुलसीदास द्वारा सन (1532-1623) के बीच रचित किया था.
इस कहानी को ऐसा बताया जाता है कि उत्तर भारत के डकोर के विष्णु मंदिर की यात्रा के दौरान, तुलसीदास को विष्णु के साथ सौदेबाजी करने के लिए प्रेरित किया गया था. जब तक विष्णु ने स्वयं को राम के रूप में प्रकट नहीं किया, तब तक तुलसीदास जी प्रार्थना में अपना सिर नहीं झुकाएंगे.
ऐसा भी कहा जाता है कि वह खासतौर से भगवान राम के काफी चाहिते भक्त थे इसलिए उनकी इच्छा तुरंत पूरी हुई: श्री राम जी अपनी पत्नी सीता और उनके तीन भक्तों के साथ उनके मन में प्रकट हुए.
इस भजन का द्वार एवं यह कहानी गांधीजी के वक्त में भी था और साल्ट मार्च के वक्त उन्होंने इस भजन के बारे में बताते हुए कहा था कि गांधी बताते हैं, “रामधुन, जिसका अर्थ है भगवान राम के साथ नशा”.
रामधुन के कई संस्करण हैं, और महात्मा गांधी ने जिस संस्करण का इस्तेमाल किया, उसमें एक विश्वव्यापी स्वाद था. गांधी ने मूल भजन को संशोधित करते हुए कहा कि हिंदुओं का ईश्वर और मुसलमानों का अल्लाह एक ही है, ताकि गीत को और अधिक धर्म निरपेक्ष बनाया जा सके और हिंदुओं और मुसलमानों के बीच मेल-मिलाप का संदेश फैलाया जा सके.
भारतीय समाज की एक धर्मनिरपेक्ष और समग्र दृष्टि को प्रस्तुत करने के लिए इस गीत का व्यापक रूप से उपयोग किया गया था – इसे 1930 के नमक मार्च के दौरान गाया गया था.
चलिए तो अब शुरुआत करते हैं Raghupati Raghav Raja Ram Original Lyrics in Hindi भजन के Lyrics पढने से……
Raghupati Raghav Raja Ram Lyrics in Hindi
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
सुंदर विग्रह मेघश्याम
गंगा तुलसी शालग्राम ॥
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
भद्रगिरीश्वर सीताराम
भगत-जनप्रिय सीताराम ॥
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
जानकीरमणा सीताराम
जयजय राघव सीताराम ॥
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
Raghupati Raghav Raja Ram Original Lyrics
रघुपति राघव राजाराम,
पतित पावन सीताराम
सुंदर विग्रह मेघश्याम,
गंगा तुलसी शालग्राम
भद्रगिरीश्वर सीताराम,
भगत-जनप्रिय सीताराम
जानकीरमणा सीताराम,
जयजय राघव सीताराम
Raghupati Raghav Raja Ram Original Video
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Raghupati Raghav Raja Ram Ki Shuruat Kaise Hui
इस भजन के पीछे एक काफी रोचक कहानी है जिसमें ऐसा माना जाता है कि इस भजन को सबसे पहले तुलसीदास जी द्वारा लिखा गया था जब उन्होंने उनका पहला राम चरित्र मानस 17वी सदी में दुनिया के सामने लाया था. यह ग्रंथ सबसे पहले रामदास जी द्वारा गाया गया था जोकि एक मराठी संत कवि थे.
इस भजन का कई सारे वर्जन उपलब्ध है जिनमें से एक वर्जन महात्मा गांधी के दौर में भी कहा गया था जिसने उस वक्त भारतीय लोगों को हिम्मत और उम्मीद दी थी कि एक दिन वह जरूर आजाद होंगे और सच्चाई की ही जीत होगी.
गीत की शुरुआत राजा राम (भगवान राम) की स्तुति से होती है. भगवान राम विष्णु (ब्राह्मण के संरक्षण पहलू) के अवतार हैं. भगवान राम धर्म (सही कर्तव्य, धार्मिकता) और सदाचार के अवतार हैं.
Raghupati Raghav Raja Ram Ka Arth
रघुपति राघव का अर्थ है जिसने सभी आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर लिया है, जो धार्मिकता में दृढ़ है, जो हजार सूर्यों की तरह उज्ज्वल है और जिसके पास विवेक (आध्यात्मिक भेदभाव) और वैराग्य (सांसारिक वस्तु के लिए वैराग्य) है.
पतित पवन का अर्थ है उन लोगों का उत्थान जो धर्म और पुण्य के मार्ग से गिर गए हैं. इसलिए, हम माता सीता और राजा राम का आह्वान करते हैं जो पतितों के उत्थानकर्ता हैं. माता सीता पृथ्वी की पुत्री हैं.
वह निस्वार्थ प्रेम और पवित्रता का प्रतीक है. धरती माता हमें बदले में कुछ भी मांगे बिना वह सब कुछ देती है जो उसके पास है. धरती माता सदैव पवित्र है और हमें जो कुछ भी मिलता है वह उसी पवित्रता से आता है.
भज प्यारे तू सीता राम का अर्थ है – हे प्यारे भगवान राम और माता सीता हम आपकी प्रशंसा करते हैं कि आप क्या हैं और आप क्या दर्शाते हैं.
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम का अर्थ है – लोग आपको कई नामों से बुलाते हैं, कुछ आपको ईश्वर “ईश्वर” कहते हैं, जबकि कुछ आपको अल्लाह कहते हैं, लेकिन आप एकमात्र ब्रह्म हैं, अनंत देवत्व जो हम सभी के भीतर है और हम सब आपके भीतर हैं.
सबको सन्मति दे भगवान का अर्थ है – इस ज्ञान के साथ सभी को आशीर्वाद दें कि हम सभी एक ही पदार्थ और चेतना के उत्पाद हैं, और हम सभी धर्म और पुण्य के मार्ग की ओर प्रयास करते हैं.
Raghupati Raghav Raja Ram Kaun Sa Alankar Hai
अनुप्रास अलंकर, रघुपति राघव राजा राम’ में ‘र’ वर्ण की आवृति हुई है, अत: यह अनुप्रास अलंकर है.
Raghupati Raghav Raja Ram Original Song
आप Raghupati Raghav Raja Ram Original Song नीचे दिए हुए बटन की मदद से डाउनलोड कर सकते हैं या फिर आप इसे ऑनलाइन भी सुन सकते हैं.
Raghupati Raghav Raja Ram Original Lyrics PDF
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