आरती: ॐ जय जगदीश हरे Om Jai Jagdish Hare Lyrics, Anuradha
Om Jai Jagdish Hare Aarti Lyrics एक बहुत ही अच्छा भजन है. इस भजन को हजारों साल पहले किसी मुस्लिम भक्त ने लिखा था. इस भजन को बोल श्री श्रद्धा राम फिल्लौरी ने दिया है. यह भजन हमारे घरों में अक्सर हर धार्मिक अनुष्ठान के बाद की आरती के रूप में जरुर सुन ने को मिलता है.
ॐ जय जगदीश हरे का सम्मिलित गान अपने कभी न कभी जरुर सोचा होगा की आखिर यही भजन हमे सुनने को क्यूँ मिलता है तथा यह भजन कितने सालों से हमारे बिच इस्तेमाल होते जा रहा है.
तो आज हम जानेंगे ॐ जय जगदीश हरे भजन के बारे में कि यह भजन कितने साल पुराना है, इस भजन के Lyrics साथ ही हम इस भजन का इस्तेमाल सभी शुभ अवसर पर क्यूँ करते हैं.
चलिए तो अब शुरुआत करते हैं इस भजन के Om Jai Jagdish Hare Aarti Lyrics in Hindi पढने से……

Om Jai Jagdish Hare Hindi Lyrics
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
Om Jai Jagdish Hare Ke Bare Me
अक्सर हमारे घर में हर धार्मिक अनुष्ठान के बाद की आरती ओम जय जगदीश हरे का सम्मिलित गान जरूर सुन ने को मिलता है। कभी आपने सोचा है आखिर यही भजन हमे सुनने को क्यूँ मिलता है तथा यह भजन कितने सालों से हमारे बिच इस्तेमाल होते जा रहा है.
तो आज हम जानेंगे ॐ जय जगदीश हरे भजन कितने साल पुराना है साथ ही हम इस भजन का इस्तेमाल सभी शुभ अवसर पर क्यूँ करते हैं.
यह भजन 150 सालों से यह सभी तरह की आरती पूजा-अनुष्ठान का एक अभिन्न अंग बन चूका है। इसे बनाया के मुस्लिम भक्त बदरुद्दीन ने तथा इस भजन को बोल पंडित श्रद्धाराम फुल्लौरी ने दिया था.
बहुत कम लोगों को शायद ही होगा कि इतना ख़ास भजन हमारे बिछ जो की ‘ओम जय जगदीश हरे…’ आरती है इसकी रचना आज से लगभग 150 वर्ष पूर्व, लगभग सन् 1870 ईस्वी में हुई थी.
इसके गायक व रचयिता एक विलक्षण प्रतिभाशाली विद्वान पंडित श्री श्रद्धाराम (शर्मा) फिल्लौरी जी थे. पंडित श्रद्धारामजी का जन्म 30 सितंबर 1837 को पंजाब के लुधियाना के पास फुल्लौरी गांव में हुआ था.
इनका निधन 24 जून 1881 को हुआ था. पंडित श्रद्धाराम प्रसिद्ध साहित्यकार के साथ ही सनातन धर्म-प्रचारक, ज्योतिषी एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे.
Om Jai Jagdish hare PDF
Om Jai Jagdish Haree Bhajan Details
Song Name: Om Jai Jagdish Hare
Singer: बदरुद्दीन
Lyricist: श्रद्धा राम फिल्लौरी
Om Jai Jagdish Hare Writer
Om Jai Jagdish Haree के लेखक बदरुद्दीन हैं.
Om Jai Jagdish Hare Aarti Ke Lekhak Kaun Hai
सदियों पुरानी मान्यता है कि, प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर की आरती या आह्वान, एक मुस्लिम भक्त बदरुद्दीन के द्वारा लिखी गई थी और श्रद्धा राम फिल्लौरी ने इस आरती को शब्द दिए थे.
Om Jai Jagdish Hare Youtube
Om Jai Jagdish Hare की Youtube Video आपको निचे देखने को यहाँ मिल जाती है.
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