बजरंग बाण Bajrang Baan Lyrics in Hindi, रोज पढ़ने के 10 फायदे

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Bajrang Baan एक बहुत ही अच्छा भजन है. आज के समय में माना जाता है कि श्री राम-चरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास ने श्री राम-चरित मानस लिखने से पहले हनुमान चालीसा लिख लिया था, साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि  हनुमान की ही दिव्य शक्ति एवं कृपा से वह श्री राम-चरित मानस लिख पाए थे.

इन सभी के बीच ऐसा ही माना जाता है कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने बजरंग बाण की भी रचना की थी. इसके पीछे की एक रोचक कहानी यह भी मानी जाती है कि एक बार गोस्वामी तुलसीदास जी पर काशी के किसी तांत्रिक ने मारण मंत्र का प्रयोग का इस्तेमाल कर दिया था.

इसके बाद तुलसीदास जी के शरीर पर कई सारे भयानक एवं दर्दनाक फोड़े निकल आए थे, इसका निवारण करते हुए श्री तुलसीदास जी ने बजरंग बाण का पाठ पढ़कर हनुमान जी से ठीक होने की गुहार लगाई थी, एवं ऐसा ही माना जाता है कि यह पाठ करते ही एक दिन में सारे फोड़े ठीक हो गए थे.

तभी से ऐसा माना जाता है कि यह पाठ बुरे दुष्कर्मों पर एकदम सटीक एवं अचूक वार करता है.

तो आज हम जानेंगे Bajrang Baan भजन के बारे में कि यह भजन रोज सुनने के क्या फायदे हैं, इस भजन के lyrics साथ ही हम इस भजन को कब इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है.

चलिए तो अब शुरुआत करते हैं बजरंग बाण भजन के lyrics पढने से……

Bajrang Baan Lyrics in Hindi

दोहा:

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

चौपाई:

जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥
जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥

जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥

जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥

अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥
लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥

अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥
जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥

जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥

ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥
जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥

बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥

इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥
सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥

जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥

बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥
जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥

जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥
चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥

उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥

ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥
अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥

यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥
पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥

यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥
धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥

दोहा:

उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥

Bajrang Baan Kya Hai

बजरंग बाण श्री गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा गाया हुआ एक बहुत ही अच्छा भजन जिसकी मदद से हमारी कई सारे कठिन काम पूरे होते नजर आते हैं एवं इस भजन का रोज पाठ करने से हमारे दुश्मनों की संख्या भी कम नजर आती है.

यह भजन कई सारे तरीकों से हमारी मदद करता है जैसे कि: जैसा कि माना जाता है बहुत से व्यक्ति अपने कार्य या व्यवहार से लोगों को दुखी कर देते हैं, जिससे उनके शत्रु की संख्या बढ़ने की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है.

  • कई बार ऐसा भी होता है कुछ लोगों को सच एवं स्पष्ट बोलने की आदत होती है, जिसके कारण उनके कई सारे गुप्त शत्रु भी बन जाते हैं, या कहे तो ऐसा भी हो सकता है, कि आप सभी तरह से अच्छे हैं फिर भी आपकी बढ़ती तरक्की से अक्सर लोग जलते और आपके विरुद्ध षड्‍यंत्र रचते रहते हैं.
    • अगर आप इन सभी परेशानियों से जूझ रहे हैं तो ऐसे कठिन समय में अगर आप आप सच्चे हैं एवं प्रतिदिन बजरंग बाण का पाठ करते हैं तो आपको यह भजन कई सारी परेशानियों से बचाता है साथ ही आपके शत्रुओं को दंड देने में मदद करता है.
    • बजरंग बाण से शत्रु को उसके किए की सजा मिल जाती है, लेकिन इस पाठ को ध्यान पूर्वक एक जगह बैठकर 21 दिन तक करना होगा और हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना होगा, ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी सिर्फ सच्चे एवं पवित्र लोगों का ही साथ देते है.
    • ऐसा भी कहा जाता है कि अगर आप कम से कम  21 दिन तक इस भजन का पाठ करते हैं तो आपको इसका फल जरूर देखने को मिलता है, ऐसा कहा जाता है कि किसी भी अनैतिक कार्य की पूर्ति के लिए या फिर किसी से विवाद की स्थिति में विजय पाने के लिए बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए.

Bajrang Baan Roj Padhne Ke Fayde

मनुष्य का कर्म करना जीवन में बहुत आवश्यक होता है इसलिए बिना प्रयास के ही किसी कार्य में सफलता पाने के उद्देश्य से बजरंग बाण का पाठ न करें और ना ही धन/ ऐश्वर्य या किसी भी भौतिक इच्छा की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ करें.

शास्त्रों के अनुसार बजरंग बाण के पाठ को लेकर ऐसा भी माना जाता है कि इसका प्रयोग हर कहीं या हर किसी को नहीं करना चाहिए.
जब व्यक्ति घोर संकट में हो या फिर उसकी जिंदगी और मौत एकदम दांव पर लगी हो तभी इस भजन के पाठ का प्रयोग करने से पूर्व सिद्धि की प्राप्ति होती है. उसी लिए ऐसा माना जाता है कि इस भजन का प्रयोग घोर संकट के वक्त की किया जाए.

बजरंग बाण का पाठ करने का एक यह तरीका माना जाता है कि जितनी बार आप बजरंग बाण पाठ का संकल्प लें, उतनी बार रुद्राक्ष की माला से पाठ करें, बजरंग का बाण पाठ करते समय ध्यान रखें कि शब्दों का उच्चारण साफ एवं स्पष्ट होना चाहिए.

अगर आप किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं, तो आपको कम से कम 41 दिनों तक यह पाठ नियम पूर्वक करने की सलाह दी जाती है.

  • आप जितने दिन तक बजरंग बाण का पाठ करते हैं उतने दिनों तक आपको खासतौर से ब्रह्मचर्य का पूर्णतय पालन करना चाहिए.
  • आप जितने दिन भी बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं उतने दिनों तक किसी प्रकार के नशा या तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
  • बजरंग बाण का पाठ करने के लिए हनुमान जी के चित्र या मूर्ति के समक्ष कुशासन (घास से बने आसन) पर बैठकर विधिवत उनकी पूजा एवं अर्चना करने के बाद इसका पाठ को शुरू करना चाहिए।
  • ऐसा माना जाता है कि बजरंग बाण का पाठ अक्सर शनिवार को ही करने से अच्छा लाभ मिलता है, परंतु मंगलवार को भी हनुमान जी का दिन मानते हैं तो इसका पाठ हम हर मंगलवार को भी कर सकते हैं।
Bajrang Baan Ka Asar

बजरंग बाण का पाठ करने के पूर्व संकल्प अवश्य लें कि आपका कार्य जब भी होगा, हनुमानजी के निमित्त नियमित कुछ भी करते रहेंगे। इसके अलावा रामजी की स्तुति भी आप पढ़ सकते हैं और विधिवत पूजा के बाद पाठ कर सकते हैं.

  • पाठ पूर्ण हो जाने के बाद भगवान राम का स्मरण और कीर्तन भी कर सकते हैं.
  • पाठ के पूर्व घी का दीपक जलाएं और ध्यान रखें आप उसी बत्ती को आग दें जिसके 5 दिशाओं में मुंह हो. आप इस 5 दिशाओं वाली बत्ती की मदद से सात गुग्गल की सुगंध भी फैला सकते हैं.
  • हनुमान जी को भेंट में आप चमेली का तेल, गुड़, चना, जनेऊ, पान का बिड़ा आदि अर्पित कर सकते हैं. आप हनुमान जी के लिए चूरमा, लड्डू और अन्य मौसमी फल या जो भी आपकी निष्ठा अनुसार आपसे अर्पित करते बने आप वह हनुमान जी को खुशी-खुशी चढ़ा सकते हैं।

बजरंग बाण का पाठ करने से घटना-दुर्घटना एवं राहु-केतु और शनि जैसे बड़े-बड़े अंजाम का निवारण देखने को मिल जाता है. ऐसा माना जाता है.

जैसे: अचानक आग लग जाती है, आपकी गाड़ी का एक्सिडेंट हो जाता या किसी मुसिबत का अचानक आ जाना. आपको हर तरह के मुसीबतों से हनुमान जी आपको सभी तरह की घटना और दुर्घटना से बचा लेते हैं, इसके लिए आप सदा उनकी शरण में रहकर प्रतिदिन बजरंग बाण पाठ कर सकते हैं।

ऐसा भी माना जाता है की यदि किसी की कुंडली में मांगलिक दोष है, जिसके कारण विवाह नहीं हो पा रहा है या विवाह होने के बाद वैवाहिक जीवन में संकट पैदा हो रहे हैं, तो उन लोगों को नियमित रूप से हर सुबह मंगलवार के दिन बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए.

अगर वह लोग या पाठ नियमपूर्वक निष्ठा के साथ बजरंग बाण का पाठ करते हैं तो, इससे मांगलिक दोष का निवारण जल्द ही उन्हें देखने को मिल जाता है. शास्त्रों की मने तो बजरंग बाण के पाठ को बेहद प्रभावशाली माना गया है.

भगवान हनुमान जी की कृपा पाने के लिए यह बेहद अत्यंत शुभ पाठ है. बजरंग बाण का मंत्र हनुमान जी की भक्ति, शक्ति और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि बजरंग बाण के विधि पूर्वक पाठ से कुंडली में मिलने वाले मंगल दोषों से मुक्ति मिल जाती है, साथ ही मान्यता यह भी है कि बजरंग बाण के पाठ से शत्रु, भय और रोग से भी पाठ करने वाले को छुटकारा मिलता है.

बजरंग बाण को दोहे, चौपाइयों और बीज मंत्रों की वजह से इतना ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है. लेकिन सामान्य स्थिति में अपने लोभ के लिए इसका पाठ प्रतिदिन नहीं करना चाहिए. बजरंग बाण का पाठ खासतौर से विशेष बुरी दशाओं में नियमित अनुसार ही करना चाहिए.

कई बार स्वास्थ्य से संबंधित ऐसी समस्या आ जाती है जिसका कारण समझ में नहीं आता है, ऐसी दशा में बजरंग बाण का पाठ करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

ज्योतिष के अनुसार मंगल दोष की वजह से शादी नहीं होती है या वैवाहिक जीवन में दिक्कतें आती हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी बजरंग बाण का पाठ किया जा सकता है। इसके अलावा यदि कर्ज या मुकदमे की वजह से कोई समस्या हो रही है तो ऐसी स्थिति में भी बजरंग बाण का पाठ करना अच्छा होता है।

कई बार लोग किसी नजर दोष का शिकार हो जाते हैं। जिस कारण जीवन में उलझनें आती हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए भी बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। यदि ऑपरेशन की नौबत आ गई हो या रक्त की समस्या उत्पन्न हो गई है। ऐसे में बजरंग बाण का पाठ करना बेहद फायदेमंद माना गया है।

Bajrang Baan Lyrics with Meaning

यह निश्चित है कि यदि कोई हनुमान जी की पूजा करता है, प्रेम, भक्ति और नम्रता से भी, तब भगवान हनुमान उसे पूरा करने में मदद करेंगे, उसके द्वारा किए गए सभी शुभ कार्य।

संतों की मनोकामना पूरी करने वाले हनुमान की जय, हे प्रभु, हमारी विनती सुनकर प्रसन्न हो, अपने भक्तों की परेशानी जानने में देर न करें, और हमारे लिए दुखी आत्माएं बहुत सुख देती हैं आप पृथ्वी पर पहाड़ की चोटी से कूद गए, और सुरसा के मुख से निकला, और बाद में जब लंकिनी ने तुम्हें रोका, तुमने उसे पीटा और देवों के धाम में भेज दिया।

आपने जाकर भगवान विभीषण को प्रसन्न किया, और सीता को देखकर आपको स्वर्गिक सुख का अनुभव हुआ, तू ने बाग़ को उखाड़ कर समुद्र में फेंक दिया, और आप पीड़ितों की समस्याओं को काट देते हैं।

आपने तब रावण के पुत्र अक्षय कुमार का वध किया था, और तेल से लथपथ पूँछ से तू लंका में आग लगाता है, और लंका बड़े लाभ से जल गई, और आकाश में देवताओं ने “विजय, विजय” के नारे लगाए।

हे प्रभु इतनी देरी क्यों दिखा रहे हैं? कृपया दया दिखाओ हे भगवान जो मेरे भीतर है, भगवान लक्ष्मण को जीवन देने वाले की जीत, मैं पीड़ित हूं, कृपया मेरे दुख को दूर करें।

हनुमान की विजय जो महान शक्ति के सागर हैं, भगवान कौन है, क्षमताओं का संयोजन और एक बुद्धिमान, जब मैं “ओम हनु, हनु, हनु” का जाप करूं तो कृपया मेरे शत्रुओं को हटा दें।

एक महान गदा से जो वज्रयुध के समान है.. हे हनुमान, हे बंदरों के देवता, “ओम ह्रीं, ह्रीं, हरीम”, मेरे शत्रुओं का सिर काट दिया “ओम हुन, हुन, हुं”, अंजना के अत्यंत बलवान पुत्र की जय, वीर हनुमान की विजय जो शंकर के पुत्र हैं, आप काले चेहरे वाले भयानक दिखने वाले काला को भी संहार करने वाले हैं,

आप हमेशा भगवान राम की मदद करते हैं और प्यार से उनकी देखभाल करते हैं, कृपया रात में भटकने वाले शैतानों, भूतों, बुरी आत्माओं, आग और काली वेताला को मारें और मारें, कृपया राम के नाम पर उन सभी को मार डालें, और दुनिया को उस नाम की महानता और सम्मान दिखाओ, एक बार आपको भगवान हरि ने सत्य का मार्ग दिखाया, तुम उसके दूत बन गए और उसके शत्रुओं को मारने लगे।

विजय, महान हनुमान की जीत, यह दुख की बात है कि लोग कई पाप करते हैं, और तुम्हारे वे भक्त नहीं जानते, पूजा, जप, ध्यान, नियम और अनुष्ठान।

तेरे बल से मैं बाहर के स्थानों से नहीं डरता, पार्क, घर, बड़े-बड़े पहाड़ जैसे सीता राम के साथ इस दास से कहती हैं, आपके इस वचन के कारण कि आपको देर नहीं होगी, जीत की आवाज, जीत का आसमान फैल रहा है, उनका ध्यान करने से सारे दुख नष्ट हो जाते हैं।

और तुम उसके पैर पकड़कर पूछते हो, इस मौके के लिए शायद आपको बाद में न मिले।, उठो और अपना काम शुरू करो हे राम, मेरे दिमाग में दूसरों की मदद करने में मेरी मदद करो,

हे भगवान जो “ओम छम, छम” कूद कर यात्रा करते हैं हे हनुमान “ओम हनु, हनु, हनु” हे भगवान बंदर जो निरंतर नहीं है “ओम हान हन हन” कृपया “ओम सान सान” को पार करने में मेरी मदद करें उन सभी लोगों की सहायता करें जो मुझे शीघ्रता से जानते हैं, इससे मेरी खुशी और बढ़ जाएगी, जब बजरंग का यह बाण लगता है,

उन सभी देवताओं को हाँ कहो जिन्हें बताया जा सकता है इस भजरंगा तीर का रास्ता बनाओ, और फिर हनुमान हमारी आत्माओं को बचाएंगे, इस भजरंगा बाण का जप करने वाले के सामने, सभी शैतान और भूत कांप उठेंगे, जप के बाद हमेशा धूप जलाएं, ताकि हमेशा कोई परेशानी न हो।

दोहा:

भक्ति और प्रेम से इसका जाप करें, और हमेशा उसका ध्यान करो, ताकि हनुमान हमारी मदद करें, हम जो कुछ भी करते हैं उसके लिए परिणाम प्राप्त करने के लिए। सीता की पत्नी रामचंद्र की विजय, उमा की पत्नी भगवान शिव की विजय, पवन देव के पुत्र हनुमान की विजय।

Bajrang Baan Written By

बजरंग बाड़ के रचयिता श्री गोस्वामी तुलसीदास जी हैं.

बजरंग बाण का पाठ करने से क्या लाभ होता है?

बजरंग बाण का पाठ करने के कई सारे लाभ हैं. अगर आप सभी के बारे में विस्तार से जान ना चाहते हैं तो यह Article पढ़ें.

बजरंग बाण का पाठ कितने दिनों तक करना चाहिए?

बजरंग बाण का पाठ अलग – अलग मुशिलों में अगल अगल हल के हिसाब से पाठ करना होता है, अगर आप सभी पाठ के बारे में विस्तार में जान ना चाहते हैं तो यह Article विस्तार में पढ़ें.

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